डेंगी (Dengue) बुखार
मानसून की शुरुआत के साथ ही डेंगी (Dengue) बुखार का खतरा सिर पर मंडराने लगता है. दुनिया के 110 से भी ज्यादा देशों में प्रतिवर्ष लाखों लोग इस इंफेक्शन का शिकार होते हैं, व प्रत्येक वर्ष पूरे विश्व में 10,000 से 20,000 मरीजों की मृत्यु डेंगी बुखार की वजह से होती है.
डेंगी एक वायरस जनित बुखार है, इस वायरस की 4 प्रजातियाँ मनुष्य में इंफेक्शन करती हैं. एक बार इंफेक्शन होने पर उस प्रजाति के डेंगी वायरस के प्रति जीवन भर के लिये प्रतिरोधी क्षमता पैदा हो जाती है, यानी डेंगी वायरस की वह प्रजाति अब दोबारा उसी रोगी को बीमार नहीं कर सकती, परन्तु अन्य तीन प्रजातियाँ जरूर इंफेक्शन कर सकती हैं.
डेंगी वायरस, एडीज मच्छर के काटने पर रोगी के शरीर में पहुंचता है. यह मच्छर अक्सर दिन के समय व शरीर के निचले हिस्सों पर काटता है. यदि इकट्ठा हुए पानी का ठीक निस्तारण किया जाए, व बारिश के मौसम में शरीर को पूरा ढकने वाले कपड़े पहनें जायें, तो एडीज मच्छर से बचाव किया जा सकता है.
एडीज मच्छर द्वारा रोगी को काटने व डेंगी वायरस के शरीर में पहुँचने के 3 से 14 दिन बाद ही डेंगी बुखार के लक्षण शुरू होते हैं.
डेंगी के लक्षण:-
तेज बुखार, लगातार बना रहने वाला सिरदर्द, उल्टी, मांसपेशियों व जोड़ों में तेज दर्द व त्वचा (skin) पर निकल आने वाले विशेष दाने.
खून जाँच में प्लेटलेट्स कोशिकाओं की सँख्या में कमी आते जाना व डेंगी के लिये होने वाले खून की जाँच से बीमारी की पहचान हो जाती है.
डेंगी बुखार के अधिकतर रोगी सामान्य दवाओं व इलाज से ठीक हो जाते हैं. जरूरी नहीं है कि प्रत्येक रोगी में रोग जटिल स्तर (complications) तक पहुँचेगा.
किसी भी दवा का इस्तेमाल चिकित्सक की राय से ही करें. बुखार को कम करने के लिये सिर्फ पैरासिटामोल (एसीटएमिनोफेन) का इस्तेमाल करें. एस्प्रिन, ब्रूफेन, नप्रोक्सिन नामक दवाओं का इस्तेमाल कतई न करें, डेंगी (Dengue) के इंफेक्शन के दौरान ये दवाएं, शरीर के भीतर रक्तस्राव करवा सकती हैं.
जटिलता के लक्षण:-
ब्लड प्रेशर का बहुत कम हो जाना.
प्लेटलेट्स की सँख्या 20000 से भी नीचे गिर जाना.
शरीर के भीतर रक्त स्राव.
प्लाज्मा लीक होना.
शॉक में चले जाना आदि.
लेकिन 80 प्रतिशत रोगियों में डेंगी आम वायरल बुखार की तरह गुजर जाता है, 5 प्रतिशत रोगियों में गम्भीर लक्षणों के साथ आता है, इनमें से भी कुछ ही मरीजों में जटिलता के स्तर तक पहुंचता है
डेंगी बुखार से रिकवरी होते समय बेहद कमजोरी, अत्याधिक खुजली, हृदय गति का कम होना, व किसी- किसी रोगी में मिर्गी जैसे दौरे का आना एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसे लेकर घबराने से बचना चाहिये
डेंगी के वार्निंग साईन क्या हैं?
- लगातार बढ़ती जा रही उल्टियाँ
- तेज होता जा रहा पेट दर्द
- नाक- मुँह से खून आना, या त्वचा व म्यूकोसा के नीचे खून बहने से चकत्ते पड़ना
- बेहद कमजोरी या बेहद बेचैनी
यदि रोगी में ये लक्षण हों, तो तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाएं.
क्या-क्या करें?
किसी भी अन्य वायरल इंफेक्शन की तरह पानी व तरल पदार्थों का सेवन अधिक करें.
आस- पास मच्छरों को न पनपने देने के लिये पानी के गड्ढों को भर दें.
पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें.
मच्छरों को भगाने वाली क्रीम आदि का इस्तेमाल करें.
बुखार आने पर घबरायें नहीं वरन सजगता से लें.
सही जानकारी के साथ, डेंगी इंफेक्शन को आसानी से हराया जा सकता है.
डॉ वंदना पाटनी
डॉ रविंद्र सिंह मान
शिखर होम्योपैथिक क्लिनिक
कपिल काम्प्लैक्स, मुखानी
हल्द्वानी
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