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Apr 27, 2024

Sebaceous Cyst on Chest

 


A 73 year old man reported with a Sebaceous Cyst on chest just adjacent to right side of sternum, which was persisting for more than 30 years. 


Check the pictures before, during and after treatment for 6 months.









All pictures are copyright to Dr R S Mann.

©2024 Dr R S Mann



Dr Vandana Patni
Dr R S Mann 

Shikhar Homeopathic Clinic
Kapil Complex, K D Road
Haldwani, Nainital
Uttarakhand

Mob 9897271337









Apr 23, 2024

प्रोस्टेट बढ़ना (Benign Prostatic Hypertrophy)

 प्रोस्टेट बढ़ना (Benign Prostatic Hypertrophy)- BPH


BPH यानी प्रोस्टेट का बढ़ना, उम्र के बढ़ने के साथ होने वाला बदलाव है, यह कैंसर नहीं है। इस रोग के लक्षण 55 वर्ष की आयु तक हर 4 में से 1 पुरुष में नजर आने लगते हैं। और 75 वर्ष की आयु तक आधे पुरुषों में प्रोस्टेट के बढ़ने के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।

लक्षण

1. जोर लगाने के बावजूद पेशाब शुरू होने में देर लगना और दिक्कत होना

2. पेशाब की कमजोर धार, और इस में रुकावट

3. आखिर में बूंद- बूंद होकर पेशाब आना

4. पेशाब जाने की प्रबल इच्छा

5. बार बार पेशाब होना

6. रात में पेशाब के लिए बार बार उठना

7. पेशाब कर लेने के बाद भी ब्लेडर खाली न होना

इन सभी लक्षणों की वजह से रोजमर्रा का जीवन बहुत प्रभावित होता है

प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ने को अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में 3 grades में बांटा गया है। 1st, 2nd , व 3rd ग्रेड।

लक्षणों के बहुत ज्यादा बढ़ने पर एलोपैथी चिकित्सा में प्रोस्टेट  को सर्जरी के विभिन्न तरीकों द्वारा आपरेशन करके हटाने का ही एक मात्र उपाय है।

होम्योपैथी चिकित्सा में नियमित दवाओं द्वारा प्रोस्टेट को पहले की तरह सामान्य स्थिति में लाया जाना संभव है। 

प्रोस्टेट की 1st व 2nd Grade की वृद्धि को वापिस सामान्य कर देना, होम्योपैथी दवाओं द्वारा संभव है। 

पहली फोटो में एक 70 वर्षीय रोगी की 2nd Grade प्रोस्टेट वृद्धि की अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट है, 7 महीने बाद की दूसरी रिपोर्ट में प्रोस्टेट की यह वृद्धि सामान्य हो गई है।

Dr Vandana Patni
Dr R S Mann 

Shikhar Homeopathic Clinic
Kapil Complex, K D Road
Haldwani, Nainital
Uttarakhand

Mob 9897271337

अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट







सर्जरी में होम्योपैथी

 आजकल छोटे-छोटे कारणों के लिए तुरंत सर्जरी की सलाह दे दी जाती है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि ऐलोपैथी में बहुत से रोगों के लिए दवाईयों द्वारा ईलाज की कोई व्यवस्था नहीं है, सो सर्जरी ही उपचार का संभावित तरीका है।


लेकिन होम्योपैथी में उन बहुत सारे सर्जिकल रोगों को भी दवाओं से ठीक कर लेना संभव है। नीचे ऐसे ही काफी सारी बिमारियों की एक लिस्ट है, जिनके लिए सर्जरी में जाने से पहले होम्योपैथी जरूर लेना चाहिए, जिससे संभवत आपको सर्जरी की जरूरत ही न पड़े।

डा आर एस मान
हल्द्वानी