कोविड रोगियों में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा लेने वाले हर छठे व्यक्ति की मौत- लैंसेट रिसर्च
प्रसिद्ध मेडिकल जर्नल द लैंसेट ने कोविड-19 रोगियों पर हैड्रॉक्सिक्लोरोक्वीन दवा के प्रभावों का सबसे बड़ा अध्ययन प्रकाशित किया है, इस अध्ययन के अनुसार कोविड-19 के मरीजों को मलेरिया की दवा देना बेहद खतरनाक है.
मेडिकल जर्नल द लैंसेट में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा लेने वाले हर छठे व्यक्ति की मौत हो गयी.
दुनिया के 671 अस्पतालों के 96 हजार से ज्यादा मरीजों पर हुए अध्ययन के ये आंकड़े हैं. रिसर्च में यह पाया गया है कि जिन समूहों में ये दवा दी गई उनमें मृत्यु दर, उन समूहों से अधिक पाई गई, जिन्हें यह दवा नहीं दी गई.
रिसर्च के आधार पर चार तरह के परिणाम बताए गए हैं:–
1. जिन रोगियों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा दी गई, उनमें हर 6 में से एक व्यक्ति की मौत हो गई.
2.जिन्हें हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के साथ एक एंटीबायोटिक दवा दी गई, उनमें चार में से एक की मौत हो गई.
3. जिन्हें क्लोरोक्वीन के साथ एक एंटीबायोटिक दी गई, उनमें हर 5 में से एक की मौत हुई.
5. जिन कोविड-19 के मरीजों को इनमें से कोई दवा नहीं दी गई, उनमें 11 में से एक की मौत हुई.
एंटीबायोटिक के साथ हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन देने के नतीजे सबसे भयानक रहे. हर चौथे मरीज की मौत हो गई.
अध्ययन का नेतृत्व कर रहे प्रोफेसर मनदीप ने बताया कि क्लोरोक्वीन या हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन से कोविड-19 मरीजों को कोई फायदा नहीं होता है. इसे आंकड़ों में साबित करने वाला अब तक का यह सबसे व्यापक अध्ययन माना जा रहा है.
डॉ रविंद्र सिंह मान
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