Dropdown Menu

Jul 9, 2018

मानसून और मौसमी बीमारियाँ: भाग 1



मानसूनी बारिश निश्चित ही तपती-झुलसती गर्मी में राहत ले कर आई है. लेकिन उमस, गर्मी और सीलन के साथ ही कुछ मौसमी बीमारियों का खतरा भी बढ़ चला है. इस मौसम की खास- खास बीमारियों को जानिये.

1. कॉमन कोल्ड(common cold) यानि खाँसी, जुक़ाम, गले में खराश, बुखार (viral fever):- 

 वैसे तो वायरल फ़ीवर पूरे वर्ष चलता ही रहता है, लेकिन मॉनसून में यह तेजी से फैलता है. जुकाम, छींके, गले में दर्द, खराश, शरीर दर्द, तेज बुखार(104°F तक), साँस लेने में दिक्कत, ये इसके सामान्य लक्षण हैं. 3 से 7 दिन तक बना रह सकता है. हवा के माध्यम से वायरस का इंफेक्शन फैलता है. 

वायरल फीवर व कॉमन कोल्ड करने वाले विंभिन्न प्रकार के 200 से भी ज्यादा वायरस होते हैं. एक बार में रोगी एक से ज्यादा वायरस से पीड़ित हो सकता है.

इंफेक्शन से बचाव के लिये, बारिश में भीगने से बचें, गीले कपड़ों को जल्दी बदल लें, गले में दर्द- खराश के लिये गुनगुने पानी से गरारे करें. हल्दी वाला गर्म दूध इंफेक्शन को कम करता है. वायरल इंफेक्शन होने पर आराम जरूर करें व अधिक पानी पियें.

वायरल फीवर के साथ होने वाली खाँसी, बेहद तकलीफ देय हो सकती है. वायरल फीवर के इलाज में एंटीबायोटिकस का प्रयोग न करें, एंटीबायोटिक्स बैक्टीरिया से होने वाले रोगों में प्रभावकारी होते हैं, वायरस जनित रोगों में इनका कोई भी रोल नहीं है.

 2. मलेरिया :-  

      प्लाज्मोडियम नामक परजीवी, मादा एनोफलिज मच्छर के काटने पर फैलता है, और यही मलेरिया का कारण है. 5 अलग- अलग मलेरिया में से फैलसिपैरम मलेरिया सबसे अधिक घातक किस्म का मलेरिया है. 

ठंड लगने व कंपकँपी के बाद तेज बुखार आना, पसीना आकर बुखार उतरना, मलेरिया का लक्षण है लेकिन जरूरी नहीं कि हर रोगी में मलेरिया बुखार इसी तरह हो. 

बुखार के साथ माँसपेशियों में तेज दर्द, बेहद कमजोरी भी मलेरिया के लक्षण हैं.

मलेरिया का समय से ईलाज न होने पर, खून की भारी कमी(एनीमिया), पीलिया, लिवर व गुर्दे फेल हो सकते हैं.

गर्भवती महिलाओं व 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को मलेरिया से सर्वाधिक नुकसान होता है. 

दुनिया भर में मलेरिया की वजह से होने वाली कुल मौतों में से दो- तिहाई मौतें, 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की होती हैं.

मलेरिया से बचाव के लिये, आस-पास रुके हुये पानी के गड्ढों को खत्म करें, मच्छरदानी, व मच्छर को भगाने वाली क्रीम आदि का इस्तेमाल करें.

डॉ रविंद्र सिंह मान
डॉ वंदना पाटनी

शिखर होम्योपैथिक क्लिनिक
कपिल काम्प्लैक्स
मुखानी
हल्द्वानी (उत्तराखण्ड)

No comments: