उल्टी, दस्त, बुखार,खाँसी, दर्द के कुछ केस
© Dr. R. S. Mann 2014
होम्योपैथी के बारे में एक बङी भ्रांति ये है कि यह धीरे- धीरे काम करती है, परंतु
वास्तविकता ये है कि होम्योपैथी एक्यूट केसों में तेजी से काम करती है. यहाँ तक
की कुछ मिनटों से कुछ घंटों में रोग ठीक किया जा सकता है.
होम्योपैथी के धीरे- धीरे काम करने की धारणा, इसके पुराने और वर्षों से चले आ रहे
रोगों को ठीक करने की प्रक्रिया की वजह से है. होम्योपैथी में आने वाले ज्यादातर
रोगी अपने वर्षों पुराने उन रोगों के लिये आते हैं जिनके लिये वे अन्य सभी तरीके
जैसे- एलोपैथी, आयुर्वेद, यूनानी दवायें इस्तेमाल कर चुके होते हैं, स्वाभाविक रुप से
ऐसे रोगों मे समय लगेगा ही. लेकिन इसी धारणा को एक्यूट केसों के लिये भी
स्वीकार कर लिया गया, जो कि पूरी तरह निराधार है.
एक्यूट केसों में होम्योपैथी किस तरह से काम करती है, देखें मेरी क्लीनिक से
कुछ केस-
केस 1:
नाम क, 17 वर्ष की लङकी, अप्रैल 3, 2014.
पिछली शाम से दस्त, रात को बुखार, आज सुबह से बार- बार दस्त,
मल पानी जैसा, दस्त से पहले पेट में दर्द जो दस्त के बाद ठीक हो जाता है,
पानी की प्यास बार- बार, सिर दर्द, जुखाम और हल्की खाँसी.
होम्योपैथी सॉफ्टवेयर पर इस केस का रिपर्टराइजेशन चार्टः-
दवा - आर्सेनिक एल्बम 200 CH की तीन डोज दस- दस मिनट के अंतर
से दी गईं, पहली डोज देने के बाद फिर एक बार तेज दर्द के साथ दस्त हुआ.
फिर उसके बाद बुखार, सिर दर्द, दस्त सभी लक्षणों को आराम आता गया. तीन
घंटे में सभी लक्षण चले गये.
केस 2:
नाम र, 7 साल का लङका, मार्च 14,2014
दो दिन से दस्त, जो आज और ज्यादा बढ गये हैं, पेट में कोई दर्द नहीं,
बिल्कुल पतला मल, जो एकदम बह जाता है, जैसे पानी का नल खोल दिया हो,
मल के बाद बहुत ही ज्यादा कमजोरी. मल के साथ बहुत सारा गैस भी.
होम्योपैथी सॉफ्टवेयर पर इस केस का रिपर्टराइजेशन चार्टः-
दवा - पोडोफायलम 30 CH की तीन डोज दस- दस मिनट के अंतर से दी
गईं, दो बार और दस्त हुये लेकिन मल की मात्रा बहुत कम थी. शाम तक
मरीज ठीक हो गया, अगले दिन फिर कोई दस्त नहीं हुआ.
केस 3:
नाम भ, उम्र 47 वर्ष,महिला, अप्रैल 18, 2014
तीन दिन से, मौसम में अचानक बदलाव से, हल्की खाँसी शुरू हुई जो
कल शाम से लगातार होने लगी, खाँसी के हर तेज दौरे के साथ उल्टी,
छाती में दर्द, खाने से और बोलने से खाँसी और ज्यादा तेज होने लगती
है. गर्म पानी या चाय पीने से थोङा सा आराम मिलता है जो ज्यादा देर
तक नहीं रहता.
होम्योपैथी सॉफ्टवेयर पर इस केस का रिपर्टराइजेशन चार्टः-
दवा - ब्रायोनिया 30 CH की एक डोज दी गई और इंतजार करने के लिये
कहा. वेटिंग में बैठे- बैठे 10 मिनट में ही खाँसी का लगातार चल रहा दौरा
बंद हो गया. दोपहर तक खाँसी बिल्कुल बंद हो गई.
केस 4:
नाम ह, उम्र 23 वर्ष, पुरूष, फरवरी 12, 2014.
दाँत में चार- पाँच दिन से हल्का- हल्का दर्द था, जो रात में थोङा ज्यादा
महसूस होता था. कल रात से अचानक बहुत ही तेज होने लगा. बाँईं तरफ
के नीचे वाले जबङे में पीछे से दूसरा दाँत. दाँत थोङा खराब (caries) होने
लगा है. दर्द; मीठा खाने, चाय पीने, खाना खाने, गाल पर छूने से बढ जाता है.
ये दाँत दर्द बाँये कान में भी जा रहा है.
होम्योपैथी सॉफ्टवेयर पर इस केस का रिपर्टराइजेशन चार्टः-
दवा - सीपिया 200 CH की दो डोज 2 घंटे के अंतर से खाने के लिये दीं
गईं. पहली डोज लेने के आधा घंटे बाद दर्द कम होने लगा और दूसरी
डोज के बाद पूरी तरह से बंद हो गया. अगले दिन मरीज ने किसी प्रकार
के दर्द की शिकायत नहीं की.
होम्योपैथी दवाओं का चुनाव पूरी तरह से लक्षणों पर निर्भर करता है. मरीज के
लक्षणों का पूरा समूह किसी विशेष दवाई को लक्षित करता है. उस दवाई को
ठीक ठीक शक्ति में देने पर, होम्योपैथिक दवा तुरंत काम करती है.
इन मरीजों के लक्षणों में होने वाला आराम कोई जादू नहीं है. लक्षणों और
दवा के ठीक चुनाव पर, होम्योपैथिक दवायें इसी तरह से काम करती हैं.
तत्काल आराम इस तथ्य पर निर्भर करता है कि मरीज अपने लक्षणों को
कितना विस्तार और कितनी सटीकता से बता पाता है और दूसरा इस बात
पर निर्भर करता है कि होम्योपैथिक चिकित्सक कितनी सटीकता से उन
लक्षणों के आधार पर सही दवा का चुनाव कर पाता है.