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Jul 19, 2019

होम्योपैथी में कम्बीनेशन दवाईयां क्या हैं?


होम्योपैथी का सिद्धान्त, बुनियादी रूप से मरीज के सभी महत्वपूर्ण लक्षणों (Symptoms) को आधार बना कर ऐसी दवा देने का है, जो उन सभी लक्षणों को समाहित करता हो. यानी ऐसी दवा दी जाए जिसमें मरीज के सभी लक्षण हों.

जब आप होम्योपैथिक चिकित्सक के पास जाते हैं, तो वह आपसे बहुत से प्रश्न करता है क्योंकि आपके रोग के लक्षणों के बारे में उसे विस्तृत जानकारी चाहिये.

लेकिन अभी हाल के वर्षों में कुछ बदलाव बड़ी तेजी से हुये हैं. होम्योपैथिक दवा कम्पनियाँ, रोगों को केंद्रित करके होम्योपैथी की दवाओं के विभिन्न कम्बीनेशन बना रही हैं. 1990 के दशक में ही ये शुरू हो गया था लेकिन हाल में होम्योपैथिक कम्पनियाँ इन कम्बीनेशन की मार्केटिंग पर जोर-शोर से ध्यान दे रही हैं. बेशक, इससे दवा कम्पनियों के मुनाफ़े बढ़ रहे हैं, लेकिन होम्योपैथी प्रैक्टिस के स्तर में गिरावट आ रही है.

इसके, दो तरफ़ा नुकसान हैं.

1. अक़्सर, इन कम्बीनेशन्स में 5 से 10 दवाएं हैं, लेकिन देखने में यह आता है कि किसी भी रोगी में उन दवाओं में से, अधिक से अधिक एक या दो दवाओं की ही जरूरत होती है, लेकिन रोगी अन्य सभी दवाओं को निरर्थक ही इस्तेमाल कर रहा है. यदि आप ये मानते हैं कि होम्योपैथिक दवाओं के साईड- इफ़ेक्ट नहीं होते, तो यक़ीन मानिये आप तथ्यों की कम जानकारी रखते हैं, ये कम्बीनेशन्स निश्चित ही साईड-इफ़ेक्ट कर सकते हैं.

2. यदि आपका होम्योपैथिक चिकित्सक अधिकतर मरीज़ों को या आपको भी बार-बार कम्बीनेशन्स ही दे रहा है तो या तो वह आपके केस में मेहनत से बच रहा है या फिर उसकी दक्षता में कमी है. ऐसी स्थिति में आप अपने होम्योपैथ से आग्रह करें कि वह होम्योपैथी के बुनियादी तरीकों से ही दवा दे. आप ये जान लें, कि कम्बीनेशन्स कुछ लाभ तो आपको पहुँचा सकते हैं, लेकिन पूर्णतया ठीक कभी नहीं करेंगे, जबकि आप व अन्य लोग भी होम्योपैथी में पूरी तरह से ठीक होने के लिए ही जाते हैं. 

होम्योपैथी में कम्बीनेशन दवाओं का प्रचलन तेजी से बढ़ा है, लेकिन ये कम्बीनेशन्स रोग के लक्षणों को कुछ समय के लिए राहत देने से ज़्यादा कुछ नहीं करते. साथ ही कम्बीनेशन्स में ज्यादा दवाओं की वजह से साईड-इफ़ेक्ट भी हो सकते हैं.

होम्योपैथिक चिकित्सा से बेहतरीन लाभ पाने के लिए आपका जागरूक होना बेहद जरूरी है.

डॉ रविंद्र सिंह मान